वीर जवान, वीरों के अमर सपने
हम अपने वीरों की समाधि पर,श्रद्धा के फूलचढ़ाते हैं!मन में उनके प्रतिगर्व भावआँखों में आँसू आते हैं!!सिर कटे मगर,न झुके कभीवे वीर हमारे अपने थे,आजाद रहे यह देश सदाबस उनके ये हीसपने थे…उनके बलिदानों के ऊपरहम,बार – बार बलि जाते हैं!मन में उनके प्रतिगर्व भाव, आँखों मेंआँसू आते हैं!!माता जिनकीयह भूमि रहीऔर पिता देश को […]
हम अपने वीरों की समाधि पर,
श्रद्धा के फूल
चढ़ाते हैं!
मन में उनके प्रति
गर्व भाव
आँखों में आँसू आते हैं!!
सिर कटे मगर,
न झुके कभी
वे वीर हमारे अपने थे,
आजाद रहे यह देश सदा
बस उनके ये ही
सपने थे…
उनके बलिदानों के ऊपर
हम,बार – बार बलि जाते हैं!
मन में उनके प्रति
गर्व भाव, आँखों में
आँसू आते हैं!!
माता जिनकी
यह भूमि रही
और पिता देश को जो समझे..
बाजी देकर निज
प्राणों की…
जो फांसी पर
चढ़ जाते हैं..
मन में उनके प्रति
गर्व भाव आँखों में आँसू आते हैं!!!
One reply on “वीर जवान, वीरों के अमर सपने”
वाह वाह क्या बात है advika बहुत अच्छा… शाबाश….. ऐसे ही आगे बढ़ती रहो