अपने सुंदर देश की बहारें

भारत की प्राकृतिक छायाँ, उच्च पर्वतों से लेकर बहती नदियों तक, हमारे सुंदर और न्यारे देश की महा कवीता के माध्यम से जानिए।

बहुत ही सुंदर,
बहुत ही प्यारा
ये है अपना
न्यारा देश….
मुझे बहुत ही प्यारा देश!!!
तरह तरह के
लोग यहाँ हम
मिल जुलकर
सब रहते हैं!!
‘कभी न झगड़ो
तुम आपस में’
हँस कर सबसे कहते हैं!!
प्रकृति यहाँ की
है अति सुन्दर
मन को बहुत
लुभाती है….
प्यारी धरती,
हम सबको
अपनी गोद
बिठाती है!
ऊँचे नभ में
उड़ते पंछी
चहक चहक
ये गाते हैं..
‘जियो ख़ुशी से
बच्चो तुम भी’…
हमको ये समझाते हैं!!
ऊँचे पर्वत..
बार- बार,
ऊँचा उठने को
कहते हैं..
झर – झर बहते सुन्दर झरने…
मोती जैसे लगते हैं!!
मीठे पानी वाली नदियां
कल – कल करती बहती हैं
‘बने रहो गतिशील सदा’
हम सबसे यह कहती हैं!!
करूँ बढ़ाई और कहाँ तक
इसकी हर बात निराली है…
हैं सब खुशियाँ
सिर्फ़ इसी से
वरना सब कुछ खाली है!!


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