स्वतंत्रता दिवस 2024: बेहतरीन शायरी और कविताएं
स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर अगर आप 15 अगस्त के दिन कुछ पंक्तियां बोलना चाहते हैं, तो ये अमर कविताएं और शायरी आपकी भावनाओं को सबसे बेहतरीन तरीके से व्यक्त करेंगे। इन शब्दों में हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और कवियों की वो आग और जुनून झलकता है, जिसने हमारे देश को आज़ादी दिलाई। मेरे […]
स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर अगर आप 15 अगस्त के दिन कुछ पंक्तियां बोलना चाहते हैं, तो ये अमर कविताएं और शायरी आपकी भावनाओं को सबसे बेहतरीन तरीके से व्यक्त करेंगे। इन शब्दों में हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और कवियों की वो आग और जुनून झलकता है, जिसने हमारे देश को आज़ादी दिलाई।
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम
मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो भी, इंकलाब लिख जाता हैं!
– भगत सिंह
कारवां जिन का लुटा राह में आज़ादी की
क़ौम का मुल्क का उन दर्द के मारों को सलाम
– बनो ताहिरा सईद
लिख रहा हूं मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा, इंकलाब लाएगा
– भगत सिंह
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
– फ़िराक़ गोरखपुरी
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
– लाल चन्द फ़लक
जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में लिपटकर, सोने में समिटकर मरे हैं शासक कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता
– भगत सिंह
जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
– कवि प्रदीप
वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
– जाफ़र मलीहाबादी
दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
– जाफ़र मलीहाबादी
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा
– अल्लामा इक़बाल
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