लालच बुरी बला है: एक किसान की सीख
लालच बुरी बला है: जानें कैसे किसान गोपाल ने मुर्गी के अंडों के लालच में अपनी मेहनत का फल खो दिया। यह प्रेरक कहानी आपको लालच के दुष्परिणाम सिखाएगी।
बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में गोपाल नाम का एक मेहनती किसान रहता था। गोपाल साधारण जीवन जीता था और अपनी खेती के काम में बहुत परिश्रम करता था। उसकी ईमानदारी और मेहनत के कारण गाँव के लोग उसे बहुत सम्मान देते थे। गोपाल के पास ज्यादा संपत्ति नहीं थी, लेकिन उसने अपनी मेहनत और लगन से सात रूपये कमाए थे, जो उस समय के हिसाब से काफी मायने रखते थे।
एक दिन, गाँव में एक मुर्गी बेचने वाला आया। गोपाल ने उसकी आवाज़ सुनी और सोचा कि एक मुर्गी खरीदना अच्छा रहेगा, क्योंकि इससे उसे रोज ताजे अंडे मिलेंगे। उसने अपने कमाए हुए सात रूपयों में से कुछ रूपये देकर एक मुर्गी खरीद ली। गोपाल उस मुर्गी को अपने घर लाया और उसे बड़े प्यार से पालने लगा। मुर्गी भी रोज़ एक ताजे अंडे देकर गोपाल की मेहनत का फल देती थी।
कुछ महीनों बाद, गोपाल की जिंदगी में एक बदलाव आया। उसने देखा कि मुर्गी रोज़ एक अंडा दे रही है और इससे उसे अच्छा खासा फायदा हो रहा है। गोपाल ने सोचा, “अगर यह मुर्गी रोज़ एक अंडा देती है, तो इसके पेट में बहुत सारे अंडे होंगे। क्यों न मैं एक बार में सारे अंडे निकाल लूँ और उन्हें बेचकर जल्दी अमीर बन जाऊं?”
लालच ने गोपाल के दिल में जगह बना ली। उसने बिना सोचे-समझे एक दिन चाकू उठाया और मुर्गी का पेट फाड़ डाला। उसकी उम्मीद थी कि उसे मुर्गी के पेट में ढेर सारे अंडे मिलेंगे, लेकिन जब उसने मुर्गी का पेट खोला, तो वहां एक भी अंडा नहीं था। गोपाल के चेहरे पर निराशा और पछतावा छा गया। उसने अपनी लालच के कारण एक अच्छी मुर्गी को खो दिया था, जो उसे रोज ताजे अंडे देती थी।
गोपाल को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने समझा कि लालच बुरी बला है और इससे केवल नुकसान ही होता है। गोपाल ने उस दिन से यह संकल्प लिया कि वह कभी भी लालच नहीं करेगा और हमेशा मेहनत और ईमानदारी से ही अपनी जिंदगी जीएगा।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि लालच हमें कभी भी सुखी नहीं बना सकता। हमें हमेशा अपने प्रयासों और मेहनत पर विश्वास रखना चाहिए और संतोष के साथ जीवन जीना चाहिए। गोपाल की कहानी गाँव के लोगों के लिए एक मिसाल बन गई और सभी ने उससे यह सीख ली कि लालच से दूर रहना चाहिए।
Leave a Reply