बीरबल की खिचड़ी

अकबर और बीरबल की कहानियाँ भारतीय लोककथाओं का अमूल्य हिस्सा हैं। “दीपक की गर्मी और खिचड़ी” एक ऐसी ही कहानी है, जो ना सिर्फ मनोरंजक है बल्कि यह हमें चतुराई, न्याय और साहस की सच्ची मिसाल भी देती है। पढ़िए यह प्रेरणादायक कथा…
अकबर और बीरबल की कहानियाँ भारत में बहुत प्रसिद्ध हैं। ये न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि चतुराई, न्याय और बुद्धिमानी की गहरी सीख भी देती हैं। ऐसी ही एक रोचक कहानी है “दीपक की गर्मी और खिचड़ी”, जो बीरबल की बुद्धिमानी का शानदार उदाहरण है।
कहानी की शुरुआत
एक बार की बात है। बादशाह अकबर किसी गाँव से होकर गुजर रहे थे। सर्दियों के दिन थे और गाँव के लोग आग तापते हुए आपस में बातें कर रहे थे। तभी बादशाह ने एक व्यक्ति को कहते सुना, “मैं पूरी रात यमुना के ठंडे पानी में खड़ा रह सकता हूँ।”


अकबर को इस बात पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने चुनौती दी – “अगर तुम पूरी रात पानी में खड़े रह सको, तो मैं तुम्हें इनाम में सोने की मोहरों से भरी थैली दूँगा।”
व्यक्ति ने चुनौती स्वीकार कर ली।
यमुना में खड़ा व्यक्ति
अगली रात वह व्यक्ति यमुना के ठंडे पानी में उतर गया और पूरी रात वहीं खड़ा रहा। सुबह वह अकबर के दरबार में पहुँचा।
बादशाह ने आश्चर्य से पूछा, “तुमने इतनी सर्दी में रातभर पानी में कैसे बिता दी?”
उसने उत्तर दिया, “महाराज, दूर आपके महल से दीपक की हल्की-सी रोशनी दिख रही थी। मैं उसी को देखकर हिम्मत जुटाता रहा।”
अकबर ने यह सुनते ही कहा, “तो तुम उस रोशनी से गर्मी पा रहे थे। इसका मतलब तुमने मेरी शर्त पूरी नहीं की। तुम्हें इनाम नहीं मिलेगा।”
वह व्यक्ति बहुत दुखी होकर वहाँ से चला गया।
बीरबल की चतुराई
यह बात बीरबल को पता चली, तो उन्होंने उस व्यक्ति की मदद करने का निश्चय किया।
अगले दिन बीरबल दरबार नहीं पहुँचे। जब अकबर ने कारण पूछा, तो संदेश मिला कि बीरबल खिचड़ी पका रहे हैं।
अकबर को हैरानी हुई और वह स्वयं बीरबल के घर पहुँच गए।


उन्होंने देखा कि एक लंबा बाँस गड़ा हुआ है और उसके ऊपरी सिरे पर हाँडी लटकी है। नीचे ज़मीन पर थोड़ी-सी आग जल रही है।
अकबर ने आश्चर्य से पूछा, “बीरबल! इतनी दूर आग से यह खिचड़ी कैसे पकेगी?”
बीरबल ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, “महाराज, जब एक व्यक्ति आपके दीपक की रोशनी से सारी रात गर्म रह सकता है, तो मेरी खिचड़ी भी इस आग से पक सकती है।”
अंत में न्याय हुआ
बीरबल की बात सुनते ही अकबर को अपनी भूल समझ में आ गई। उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति को बुलवाया और उसे सोने की मोहरों से भरी थैली इनाम में दी। साथ ही, बीरबल की चतुराई की सराहना भी की।
शिक्षा:
यह कहानी हमें सिखाती है कि चतुराई और न्याय से हर कठिनाई का समाधान निकाला जा सकता है। बीरबल जैसे बुद्धिमान और साहसी व्यक्ति समाज में सच्चा न्याय सुनिश्चित करते हैं।
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