रक्षाबंधन: भाई-बहन का अनमोल वादा

Raksha Bandhan Poem

क्या भाई, मुझसे एक वादा करोगे?अपनी प्यारी बहन को तुम इतना मजबूत बनाओगे? मैं अपनी रक्षा खुद कर सकूं, इतनी बहादुरी सिखाओगे,जरूरत पड़ने पर शस्त्र उठा सकूं, क्या मेरी ढाल बन पाओगे? मेरा साथ तुम ऐसा देना कि मैं औरों का सहारा बन सकूं,तुम नींव मेरी मजबूत रखो, ताकि मैं भी साथ खड़ी हो सकूं। […]

क्या भाई, मुझसे एक वादा करोगे?
अपनी प्यारी बहन को तुम इतना मजबूत बनाओगे?

मैं अपनी रक्षा खुद कर सकूं, इतनी बहादुरी सिखाओगे,
जरूरत पड़ने पर शस्त्र उठा सकूं, क्या मेरी ढाल बन पाओगे?

मेरा साथ तुम ऐसा देना कि मैं औरों का सहारा बन सकूं,
तुम नींव मेरी मजबूत रखो, ताकि मैं भी साथ खड़ी हो सकूं।

जब मैं गिरूं, मुझे उठने देना, क्या ऐसा सहारा दोगे तुम,
अपनी राह खुद बना सकूं, क्या ऐसा विश्वास दोगे तुम?

आजादी से सांस ले सकूं, अपने सपनों को उड़ान दे सकूं,
क्या मेरी हर उड़ान के पंख बन पाओगे तुम?

भाई, इस राखी पर मुझे तुमसे एक वादा चाहिए,
कितनी भी मुश्किलें आएं, हमेशा तुम्हारा साथ रहेगा।

क्या भाई, मुझसे ये वादा निभाओगे?
अपनी बहन को तुम इतना सशक्त बनाओगे?

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