खबरों का भंडार: अखबार की कविता
लेकर खबरों का भंडार, रोज सुबह आता अखबार। तरह-तरह की खबरें लाता, हम सबका है ज्ञान बढ़ाता। घर भर में हलचल मच जाए, दादा-पापा दौड़े आएँ। दीदी – भैया जब पढ़ना चाहें, छीना-झपट्टी तब मच जाए।
लेकर खबरों का भंडार,
रोज सुबह आता अखबार।
तरह-तरह की खबरें लाता,
हम सबका है ज्ञान बढ़ाता।
घर भर में हलचल मच जाए,
दादा-पापा दौड़े आएँ।
दीदी – भैया जब पढ़ना चाहें,
छीना-झपट्टी तब मच जाए।
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