गिनती का जादू

एक, दो, तीन, चार, गिनती का जादू सार, पांच, छह, सात, आठ, गणित की यह है बात। नौ, दस, ग्यारह, बारह, संख्याओं का यह प्यारा राग, तेरह, चौदह, पंद्रह, सोलह, बच्चों के मन का अनुराग। सत्रह, अठारह, उन्नीस, बीस, हर संख्या में छिपा राज, इक्कीस, बाईस, तेईस, चौबीस, हर अंक का अपना अंदाज। पच्चीस से […]

एक, दो, तीन, चार, गिनती का जादू सार,
पांच, छह, सात, आठ, गणित की यह है बात।
नौ, दस, ग्यारह, बारह, संख्याओं का यह प्यारा राग,
तेरह, चौदह, पंद्रह, सोलह, बच्चों के मन का अनुराग।

सत्रह, अठारह, उन्नीस, बीस, हर संख्या में छिपा राज,
इक्कीस, बाईस, तेईस, चौबीस, हर अंक का अपना अंदाज।
पच्चीस से तीस तक, हर कदम पर नई सीख,
इन अंकों के खेल में, बच्चों का दिमाग होता तीक्ष्ण।

गिनती की यह दुनिया, जितनी सुंदर उतनी विशाल,
हर अंक के साथ, खुलते हैं ज्ञान के नए द्वार।
गणित का यह खेल, सिखाता है जीवन के मूल्य,
गिनती का जादू, बच्चों के लिए है अनूठा गुरु।

 

यह कविता “गिनती का जादू” बच्चों को गणित की शिक्षाप्रद और मनोरंजक दुनिया से परिचित कराती है। इसमें अंकों के माध्यम से बच्चों को संख्या ज्ञान और गणितीय सोच विकसित करने की प्रक्रिया को सरल और रोचक बनाया गया है। कविता के जरिए बच्चे न केवल गिनती सीखते हैं, बल्कि उन्हें गणित के मूल सिद्धांतों की भी समझ मिलती है। यह कविता उन्हें गणित से डरने के बजाय उसके साथ खेलने और उसे जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा देती है।

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