दोस्त अब थकने लगे हैं – ज़िम्मेदारियों और जिंदगी की सच्चाई
दोस्त अब थकने लगे हैं,किसी का पेट निकल आया है,किसी के बाल सफेद हो रहे हैं,जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया है,सबको कोई न कोई बीमारी सताने लगी है। जो दिनभर भागा करते थे,अब चलते-चलते भी थक जाते हैं,सच में, दोस्त अब थकने लगे हैं। किसी को लोन की फिक्र है,कहीं हेल्थ चेकअप की चर्चा है,फुर्सत […]
दोस्त अब थकने लगे हैं,
किसी का पेट निकल आया है,
किसी के बाल सफेद हो रहे हैं,
जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया है,
सबको कोई न कोई बीमारी सताने लगी है।
जो दिनभर भागा करते थे,
अब चलते-चलते भी थक जाते हैं,
सच में, दोस्त अब थकने लगे हैं।
किसी को लोन की फिक्र है,
कहीं हेल्थ चेकअप की चर्चा है,
फुर्सत की कमी सभी को महसूस होती है,
आंखों में हल्की सी नमी झलकती है।
जो कल प्यार के खत लिखा करते थे,
आज बीमे के फॉर्म में उलझ रहे हैं,
सच में, दोस्त अब थकने लगे हैं।
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