नन्ही परी और नवरात्रि का वरदान

नन्ही परी को नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व सीखने का मौका मिला। इस कहानी के माध्यम से जानें कि यह पूजा क्यों की जाती है और इसके लाभ क्या हैं।
गाँव के एक छोटे से घर में नन्ही परी नाम की एक प्यारी और समझदार बच्ची रहती थी। परी को त्योहार बहुत पसंद थे, खासकर नवरात्रि। वह हर साल अपनी दादी के साथ माता रानी की पूजा करती थी और उनसे ढेर सारी कहानियाँ सुनती थी।
एक दिन नवरात्रि के आखिरी दिन, परी ने देखा कि उसकी दादी बहुत सारी छोटी-छोटी लड़कियों को घर बुला रही थीं। परी को बहुत आश्चर्य हुआ और उसने पूछा, “दादी, ये सब बच्चियाँ यहाँ क्यों आई हैं?”
दादी मुस्कुराते हुए बोलीं, “आज कन्या पूजन का दिन है बेटा। यह नवरात्रि का सबसे पवित्र दिन होता है। हम इन कन्याओं को माँ दुर्गा का रूप मानकर उनका आदर करते हैं, उन्हें भोजन कराते हैं और आशीर्वाद लेते हैं।”
परी ने उत्सुकता से पूछा, “पर दादी, ऐसा क्यों किया जाता है?”
दादी ने उसे समझाया, “माँ दुर्गा नौ रूपों में पूजी जाती हैं, और इन नौ दिनों में कन्याओं की पूजा करने से माँ बहुत खुश होती हैं। कहते हैं कि जो सच्चे मन से कन्या पूजन करता है, उसे सुख, समृद्धि और आशीर्वाद मिलता है।”
परी बहुत खुश हुई और बोली, “तो आज मैं भी कन्याओं की सेवा करूँगी!”
फिर परी ने अपनी छोटी-छोटी सहेलियों को बुलाया। वह उनके लिए अपने हाथों से हलवा, पूरी और चने लेकर आई। उसने सबको बड़े प्यार से बैठाया, उनके पैर धोए, माथे पर टीका लगाया और आरती उतारी।
खाने के बाद परी ने सभी कन्याओं को सुंदर चुनरी और मिठाइयाँ भेंट कीं। जाते-जाते एक छोटी सी कन्या परी से बोली, “तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है, परी। माँ दुर्गा तुम्हारी सभी मनोकामनाएँ पूरी करें!”
परी बहुत खुश हुई और दादी से बोली, “अब से हर नवरात्रि मैं भी कन्या पूजन करूँगी!”
दादी ने उसे गले लगाकर कहा, “बिलकुल बेटा, माँ दुर्गा हमेशा उन पर कृपा करती हैं जो सच्चे मन से पूजा और सेवा करते हैं।”
शिक्षा: यह कहानी हमें सिखाती है कि नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन क्यों किया जाता है और हमें सभी की सेवा व सम्मान करने से ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है।
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