अद्विका की सेवा भावना – बच्चों की प्रेरक कहानियाँ

theme of service and compassion

इस अनूठी कहानी में अद्विका अपनी दादी की सेवा करते हुए पारिवारिक मूल्यों और सेवा भावना का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है।

आज जब अद्विका अपने स्कूल से घर वापस लौट रही थी, तब दादी रोज की तरह उसे स्कूल वैन से लेने तो आईं किन्तु कुछ-कुछ परेशान और उदास दिखाई दीं…. तब अद्विका ने बड़ी मासूमियत से पूछा, “दादी माँ, आज आप उतनी खुश क्यों नहीं दिख रहीं जितनी रोज़ दिखती हो?”

दादी ने जैसे जबरदस्ती मुस्कुराते हुए कहा, “अरे अद्दू तुमने मेरी परेशानी को समझ भी लिया, तुम वाकई बहुत समझदार हो।”

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तब अद्विका बोली, “अच्छा दादी माँ बताओ न आज आप इतनी उदास और परेशान क्यों हो?”

तब दादी ने बताया कि “सुबह तुम्हें स्कूल भेजने के बाद जब तुम्हारे मम्मी-पापा अपने काम पर चले गये तो मैं भी नहाने धोने के लिए स्नान घर में जैसे ही घुसी कि मेरा पैर फ़िसल गया और कमर में झटका लगा उसी के दर्द से परेशान हूँ बेटा ”

“पर दादी माँ आपने यह बात फोन पर मम्मी या पापा को क्यों नहीं बताई…… यदि आप उन्हें बतातीं तो वे आपके लिए दवा भेज देते और उसे खाकर अब तक तो आपका दर्द उड़न छू हो भी जाता न, मम्मी-पापा आपके बच्चे होने के साथ-साथ डॉक्टर भी हैं, क्या आपको यह बात याद नहीं रही “.. अद्विका ने बड़ी मासूमियत से कहा।

उसकी बात सुनकर दादी दर्द में भी मुस्कुरा दीं और बोलीं…. “अच्छा अच्छा, वे दोनों भी अब आते ही होंगे तब उनसे दवा लेकर मैं ठीक हो जाऊँगी बेटा….. तुम खाना खा लो”

पर दादी को दर्द में देख कर अद्विका को चैन कहाँ…… वह तुरंत दराज़ में से आयोडेक्स की शीशी निकालते हुए बोली….. “नहीं दादी माँ खाना मैं बाद में खाऊँगी, पहले आपको अपनी चोट पर आयोडेक्स लगवानी पड़ेगी, जिससे आप को दर्द में कुछ आराम तो मिल जाएगा”….

“पर बेटा अभी थोड़ी देर में ही तो तुम्हारे मम्मी-पापा आने वाले हैं तब मैं उनसे दवाई ले ही लूँगी न “….

“ठीक है दादी माँ, उससे पहले मैं थोड़ी आयोडेक्स लगा देती हूँ जिससे आपका दर्द कुछ तो कम हो जाएगा न…..” कहकर 7 साल की वह बच्ची अपने नन्हें – नन्हें हाथों से दादी की कमर में दवाई लगाने लगी.

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उधर दादी का दर्द दवाई के साथ-साथ अपनी प्यारी पोती की सेवा पाकर जैसे ग़ायब ही होता जा रहा था…. राहत की साँस लेते हुए वे बोलीं, “अरे अद्दू बेटा, तुम्हारी सेवा से तो मेरा सारा दर्द जैसे गायब सा ही हो गया… तुम सदा खुश रहो….. बिटिया”

दादी को चैन में देखकर अद्विका भी बहुत खुश हो रही थी…. दादी की सेवा करने में उसे अद्भुत आनंद जो मिल रहा था……

#CHILDREN'S BEDTIME STORIES #Inspirational Hindi Stories

2 comments on “अद्विका की सेवा भावना – बच्चों की प्रेरक कहानियाँ”

  • Akanksha Bhartiya says:

    Such a beautiful and sweet story . Bond between Grandparents and Grandchildren are always special and their love for each other is unconditional. That’s what this story tells about it .

  • Vineet says:

    Story always inspire , so we have encourage children to read .

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