विज्ञान पर दोहे: विज्ञान और तर्क का संगम

विज्ञान पर दोहे

विज्ञान और तर्क को सरलता से व्यक्त करने वाले दोहे पढ़ें, जो विज्ञान की सुंदरता और उपयोगिता को सहज रूप में प्रस्तुत करते हैं।

विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन के हर पहलू में समाया हुआ है। पुराने समय में जब विज्ञान के प्रति जागरूकता कम थी, तब भी हमारे कवियों और विद्वानों ने इसकी महत्ता को दोहों और कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया। दोहा एक सरल और प्रभावशाली काव्य विधा है, जिसके माध्यम से कठिन विषयों को भी सहजता से समझाया जा सकता है।

इस लेख में हम विज्ञान से जुड़े कुछ सुंदर दोहे पढ़ेंगे और उनका अर्थ समझेंगे।

1. सूरज चंदा तारे सारे, सबके अपने गुण।

विज्ञान इन्हें पढ़े, समझे, खोजे इनके मूल।।

अर्थ: यह दोहा दर्शाता है कि विज्ञान प्रकृति की हर छोटी-बड़ी चीज़ को समझने और उनके रहस्यों को उजागर करने का कार्य करता है। सूर्य, चंद्रमा और तारों की गति, संरचना और प्रभाव को विज्ञान ने विस्तार से समझा है।

2. जल वायु धरती कहे, कर लो इनका मान।

विज्ञान कहे प्रयोग कर, पर रखो संतुलन जान।।

अर्थ: यह दोहा पर्यावरण और विज्ञान के तालमेल को दर्शाता है। विज्ञान हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग करना सिखाता है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी देता है कि यदि संतुलन नहीं रखा गया, तो यह भविष्य के लिए हानिकारक होगा।

3. बिजली चलती तंत्र से, जल से पैदा होय।

विज्ञान कहे बचा के रख, तो जीवन सुखमय होय।।

अर्थ: इस दोहे में बिजली और उसके उत्पादन का उल्लेख है। विज्ञान ने हमें बताया है कि जल, पवन, और सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न की जा सकती है, लेकिन इसे व्यर्थ न करना ही समझदारी है।

4. नभ में उड़ते पक्षियों को, देखे मन अघाय।

विज्ञान ने खोजी तरकीब, हवाई जहाज बनाय।।

अर्थ: इस दोहे के माध्यम से यह बताया गया है कि प्रकृति से प्रेरणा लेकर विज्ञान ने कई आविष्कार किए हैं। पक्षियों को देखकर इंसान ने उड़ान का सपना देखा और अंततः हवाई जहाज का आविष्कार किया।

5. दूर देश की बातें करना, पहले कठिन न था।

विज्ञान का वरदान देखो, दुनिया छोटी बना।।

अर्थ: यह दोहा संचार क्रांति पर आधारित है। पहले दूर-दूर तक संदेश पहुंचाना कठिन था, लेकिन विज्ञान के अविष्कारों, जैसे टेलीफोन, इंटरनेट और मोबाइल ने दुनिया को जोड़ दिया है।

विज्ञान और दोहों का महत्व

विज्ञान और साहित्य का मेल बहुत पुराना है। हमारे पूर्वजों ने जटिल वैज्ञानिक अवधारणाओं को दोहों और कविताओं के रूप में प्रस्तुत किया, ताकि आमजन आसानी से समझ सकें। विज्ञान से जुड़े दोहे केवल ज्ञानवर्धक ही नहीं, बल्कि मनोरंजक भी होते हैं। वे हमें यह भी सिखाते हैं कि विज्ञान को केवल तकनीकी दृष्टि से नहीं, बल्कि नैतिक और मानवीय दृष्टि से भी देखना चाहिए।

विज्ञान ने हमारे जीवन को सरल, सुविधाजनक और उन्नत बनाया है। विज्ञान पर लिखे गए दोहे हमें विज्ञान की सुंदरता और उसकी उपयोगिता को सरल और रोचक रूप में समझने में मदद करते हैं। इन दोहों को पढ़कर हम यह सीख सकते हैं कि विज्ञान केवल शोध और प्रयोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच, जीवनशैली और समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।

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