मोबाइल गेम्स और बच्चों का व्यवहार: क्या कहती है रिसर्च?

मोबाइल गेम्स बच्चों के व्यवहार को कैसे प्रभावित करते हैं? यह लेख रिसर्च के आधार पर बताता है इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव।
आज के समय में मोबाइल फोन सिर्फ बड़ों का नहीं, बल्कि बच्चों का भी पसंदीदा गैजेट बन चुका है। खासतौर पर मोबाइल गेम्स ने बच्चों की दिनचर्या में एक बड़ी जगह बना ली है। खेलने, सीखने और मनोरंजन के नाम पर बच्चे घंटों मोबाइल स्क्रीन से चिपके रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन मोबाइल गेम्स का उनके मानसिक, शारीरिक और सामाजिक व्यवहार पर क्या प्रभाव पड़ता है?
आइए रिसर्च के आधार पर जानते हैं कि मोबाइल गेम्स बच्चों के व्यवहार को कैसे प्रभावित करते हैं – सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूपों में।


मोबाइल गेम्स के सकारात्मक प्रभाव
यदि सीमित और नियंत्रित रूप में उपयोग किया जाए, तो मोबाइल गेम्स बच्चों के लिए कुछ हद तक फायदेमंद हो सकते हैं:
1. एकाग्रता और निर्णय क्षमता में सुधार
कुछ स्ट्रैटेजी और पज़ल गेम्स बच्चों की सोचने की क्षमता, निर्णय लेने की ताकत और ध्यान केंद्रित करने की आदत को बढ़ावा देते हैं।
2. हाथ-आंख समन्वय में विकास
गेम्स में चलने वाले तेज विजुअल्स और रिएक्शन समय से बच्चों का रिफ्लेक्स और हाथ-आंख का तालमेल बेहतर हो सकता है।
3. समस्या सुलझाने की क्षमता
कई गेम्स बच्चों को विभिन्न लेवल पार करने के लिए सोचने और समस्याएं हल करने की आदत डालते हैं।
4. टेक्नोलॉजी से परिचय
बच्चे डिजिटल इंटरफेस, वर्चुअल वर्ल्ड और टेक्नोलॉजी से जुड़ना सीखते हैं, जो भविष्य में उनके लिए फायदेमंद हो सकता है।
मोबाइल गेम्स के नकारात्मक प्रभाव
रिसर्च से यह भी सामने आया है कि मोबाइल गेम्स का अत्यधिक उपयोग बच्चों के स्वास्थ्य और व्यवहार पर गंभीर असर डाल सकता है:


1. आक्रामक व्यवहार में वृद्धि
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की एक स्टडी के अनुसार, हिंसक गेम्स खेलने वाले बच्चों में गुस्सा, चिड़चिड़ापन और आक्रामकता के लक्षण अधिक पाए गए।
2. सामाजिक अलगाव
ज्यादा समय मोबाइल पर बिताने वाले बच्चे दोस्तों और परिवार से दूर हो जाते हैं, जिससे उनकी सोशल स्किल्स कमजोर पड़ सकती हैं।
3. नींद और सेहत पर असर
रात को देर तक स्क्रीन देखने से बच्चों की नींद प्रभावित होती है। स्क्रीन की नीली रोशनी (blue light) मेलाटोनिन को कम करती है, जिससे नींद में परेशानी होती है।
4. पढ़ाई में गिरावट
मोबाइल गेम्स की लत के कारण बच्चे पढ़ाई से ध्यान हटाते हैं, जिससे उनका शैक्षणिक प्रदर्शन गिर सकता है।
5. लत (Addiction) की समस्या
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी “Gaming Disorder” को मानसिक स्वास्थ्य समस्या माना है, जिसमें बच्चे अपनी गेमिंग आदत पर कंट्रोल नहीं रख पाते।
पैरेंट्स के लिए सुझाव
- बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करें और दिनचर्या में संतुलन बनाएं।
- केवल एज-उपयुक्त और शैक्षणिक गेम्स को प्रोत्साहित करें।
- बच्चों के साथ समय बिताएं और उनके इमोशनल बिहेवियर पर नजर रखें।
- “नो-फोन ज़ोन” जैसे नियम बनाएं, जैसे भोजन के समय या रात को सोने से पहले।
मोबाइल गेम्स बच्चों के लिए पूरी तरह बुरे नहीं हैं, लेकिन इनका अत्यधिक और असंतुलित प्रयोग उनके व्यवहार और विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है। जरूरी है कि अभिभावक बच्चों को तकनीक के साथ संतुलित तरीके से जोड़ें और उन्हें एक स्वस्थ डिजिटल आदत सिखाएं।
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