अलीबाबा चालिस चोर की कहानी | Alibaba Aur 40 Chor Ki Kahani
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में अलीबाबा नाम का एक गरीब लकड़हारा रहता था। एक दिन अलीबाबा ने जंगल में लकड़ी काटते समय 40 घुड़सवार को वहां आते हुए देखा। सभी घुड़सवार के पास धन की पोटली और खंजर थे। यह देखकर वह समझ गया था कि ये सभी चोर […]
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में अलीबाबा नाम का एक गरीब लकड़हारा रहता था। एक दिन अलीबाबा ने जंगल में लकड़ी काटते समय 40 घुड़सवार को वहां आते हुए देखा। सभी घुड़सवार के पास धन की पोटली और खंजर थे। यह देखकर वह समझ गया था कि ये सभी चोर हैं। अलीबाबा एक पेड़ के पीछे छिपकर उन्हे देखने लगा। तभी सभी घुड़सवार एक पहाड़ के पास जाकर खड़े हो गए। तभी चोरों के सरदार ने पहाड़ी के सामने खड़े होकर बोला खुल जा सिम-सिम। इसके बाद पहाड़ में से एक गुफा का दरवाजा खुला। सारे घुड़सवार उस गुफा के अंदर चले गए। अंदर जाकर उन्होंने बोला बंद हो जा सिम-सिम और गुफा का द्वार बंद हो गया।
यह देख अलीबाबा दंग रह गया। कुछ देर बाद वो दरवाजा फिर से खुला और उसमें से वो सभी घुड़सवार निकले और वहां से रवाना हो गए। अलीबाबा यह जानने को बेताब हो गया कि आखिर इस गुफा में क्या है और वो सब यहां क्या कर रहे थे। इसके बाद उसने गुफा में जाने का फैसला किया। वह उस पहाड़ के सामने गया और बार-बार चोरों के सरदार के शब्द बोलने लगा- “खुल जा सिम सिम, खुल जा सिम सिम…”
गुफा का दरवाजा खुल गया। अलीबाबा गुफा के अंदर गया और उसने देखा कि वहां सोने की गिन्नियां, अशर्फियां, गहने आदि रखे थे। चारों तरफ खजाना ही खजाना था। यह सब देखकर उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उसे मालूम हो गया था कि वो चोर सारा चोरी का सामान यहां आकर छुपाते हैं। अलीबाबा ने वहां से एक पोटली में सोने की अशर्फियां भरी और घर चला आया।
अलीबाबा के लालची भाई कासिम को जब इस बारे में पता चला, तो वह भी खजाने की तलाश में गुफा में गया। लेकिन उसे वापस आने का रास्ता याद नहीं रहा और चोरों ने उसे पकड़ लिया।
अलीबाबा को जब अपने भाई के बारे में पता चला, तो वह उसे बचाने के लिए गया। लेकिन, वह देर से पहुँचा और कासिम पहले ही मर चुका था। अलीबाबा ने अपनी चतुर दासी मरजीना की मदद से कासिम का शव वापस लाया।
मरजीना ने चोरों को चकमा देने के लिए एक चाल चली। उसने चोरों को उनकी गुफा में ही फंसा दिया और उन्हें एक-एक करके मार दिया। इस तरह अलीबाबा और उसका परिवार सुरक्षित रहा और वे उस खजाने को अपने लिए रख सके।
इस कहानी से हमें लालच न करने और चतुराई से काम लेने की सीख मिलती है। अलीबाबा की सादगी और मरजीना की बुद्धिमत्ता ने उन्हें खतरे से बचाया और उनकी जिंदगी को समृद्ध बनाया।
यह कहानी न केवल मनोरंजन प्रदान करती है बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाती है।
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