पेड़ों की सीख
पेड़ों की सीख, अनमोल जीवन के पाठ, हरा-भरा संसार, पेड़ों का है यह सार्थक विश्वास। खड़े अडिग वे, हर मौसम में, देते छाँव और फल, सीखाते हमें, सहनशीलता, उदारता का हर हाल। जड़ें गहरी, पत्ते हरे, शाखाएँ फैली आसमान में, पेड़ बताते, जड़ों से जुड़े रहो, उच्चाइयों को छूते मन में। ऑक्सीजन देते, जीवन देते, […]
पेड़ों की सीख, अनमोल जीवन के पाठ,
हरा-भरा संसार, पेड़ों का है यह सार्थक विश्वास।
खड़े अडिग वे, हर मौसम में, देते छाँव और फल,
सीखाते हमें, सहनशीलता, उदारता का हर हाल।
जड़ें गहरी, पत्ते हरे, शाखाएँ फैली आसमान में,
पेड़ बताते, जड़ों से जुड़े रहो, उच्चाइयों को छूते मन में।
ऑक्सीजन देते, जीवन देते, पर्यावरण के ये रक्षक,
पेड़ों की सीख, बचाओ प्रकृति, यही है उनका संदेश एक।
पतझड़ में पत्ते गिरे, फिर भी नई कोपलें उग आई,
पेड़ सिखाते, हर परिस्थिति में, नया आरंभ है भलाई।
पेड़ों की सीख, जीवन की सीख, सदा हरियाली बिखेरो,
जीवन में प्यार, उम्मीद और सपने, हमेशा संजो के रखो।
यह कविता “पेड़ों की सीख” हमें प्रकृति के शिक्षाप्रद तत्वों के बारे में बताती है। इसमें पेड़ों के जीवन से संबंधित विभिन्न पाठों का वर्णन किया गया है, जैसे कि सहनशीलता, उदारता, और नवीनता। पेड़ों की गहरी जड़ें हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहने का महत्व समझाती हैं, जबकि उनकी उच्च शाखाएँ हमें आकाश की ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा देती हैं। पतझड़ के बाद फिर से नई कोपलें उगना हमें सिखाता है कि हर समाप्ति के बाद नई शुरुआत होती है। इस तरह, यह कविता हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सिखाती है।
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